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माइग्रेन क्या है ? माइग्रेन का दर्द किस तरह होता है?

Know about Migrain, माइग्रेन कितने प्रकार के होते है? माइग्रेन का इलाज संभव है या नहीं? इस तरह के प्रश्नों के उत्तर आपको हमारी इस वैबसाइट पर मिल जाएगी और आपको जहां तक होगा माइग्रेन से संबन्धित सभी जानकारी मिलेगी साथ में आपको माइग्रेन से बचने क उपाय भी बताए जाएंगे.

दोस्तों भारत में सम्पूर्ण विश्व में बीमारियों का आगमन तो ऐसे हुआ है जैसे की एक पानी की बाल्टी में नील की एक बूंद डाल दी हो. देश भर में न जाने कैसे-कैसे बीमारियाँ आ चुकी है जिनका इलाज होना बहुत ही मुश्किल हो जाता है लेकिन ये भारत है यहाँ हर बीमारी का इलाज मुमकिन है. 

आज हम ऐसे बीमारी की बात करेंगे जो आमतौर पर लोगों में पायी जाती है. ऐसे बीमारियों से बचने का केवल यही उपाय है की अपनी दिनचर्या और अनुशासन पर ध्यान देना होगा. अपना खान-पान, काम-काज, उठना-बैठना आदि जैसे कामों पर हमें अपनी जानकारियों को बढ़ाना होगा. 

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तो चलिये माइग्रेन क्या है? और माइग्रेन से कैसे बचा जा सकता है? आदि के बारे में जानते हैं. और इस बीमारी से कैसे सचेत रहें या दूर रहें

माइग्रेन क्या है?- What is Migraine?

Migraine बीमारी का इलाज, माइग्रेन का इलाज, माइग्रेन को अर्ध-कपाली भी कहा जाता है. माइग्रेन एक विशेष प्रकार का सिर दर्द है और आम आदमी को सिरदर्द होता रहता है लेकिन कई बार इस सिर दर्द का दर्द सहनशील नहीं हो पाता है, असहनीय हो जाता है.  आम तौर पर लोग सिर दर्द को माइग्रेन समझ लेते है. लेकिन आम सिरदर्द माइग्रेन से अलग होता है. माइग्रेन एक तरह की मानव नसों की समस्या है माइग्रेन एक तरह की न्यूरोलॉजिकल (Neurological) स्थिति होती है इस स्थिति में सिरदर्द के अलावा भी बहुत से लक्षण नजर आते हैं. माइग्रेन के दर्द में सिर के एक हिस्से में बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है. माइग्रेन का दर्द आसानी से एक घंटे या एक दिन का दर्द न हो कर ये कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है, ये और भी आगे तक बना रह सकता है. इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. माइग्रेन का दर्द आम सिरदर्द से ज्यादा तेज चुभन वाला होता है और येसिरदर्द के मुकाबले ज्यादा गंभीर परेशानी है. माइग्रेन का सिरदर्द अर्ध-कपाली होता है आधे सिर में दर्द होने के साथ-साथ चक्कर आना, उल्टी आने जैसे समस्या, पेट में गैस बनना आदि जैसी समस्याएँ होना माइग्रेन के सूचक हो सकते है.

माइग्रेन के कारण – Migraine Causes in Hindi

माइग्रेन होने के कारणों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान रक्‍तवाहीनियों (नसों) का बड़ा होना और नर्व फाइबर्स की ओर से केमिकल का स्राव करने के संयुक्‍त कारण उत्‍तरदायी होते है. सिरदर्द के दौरान, खोपड़ी के बिलकुल नीचे स्थित धमनी बड़ी हो जाती है। इसकी वजह से एक केमिकल का स्राव होने लगता है, जो जलन, दर्द और रक्‍तवाहिनी को और चौड़ा करने का काम करता है। 

चिकित्सक के अनुसार, माइग्रेन होने के कारणों में एक व्यक्ति की जेनेटिक और पर्यावरणीय कारक भी होते हैं.  माइग्रेन ट्राईगेमिनल नर्व में न्यूरोकेमिकल के बदलाव और मस्तिष्क के रसायनों में असंतुलन, खासकर सेरोटोनिन के कारण आरंभ होता है. माइग्रेन के समय सेरोटोनिन का स्तर संभवतः कम हो जाता है, जो ट्राइजेमिनल सिस्टम को न्यूरोपेप्टाइड का स्राव करने के लिए प्रेरित करता है. न्यूरोपेप्टाइड मस्तिष्क के बाहरी आवरण (मेनिंन्जेज) तक पहुंचकर सिरदर्द उत्पन्न करता है. 

सरल शब्दों में कहा जाए तो माइग्रेन के कारण केवल एक असंतुलित वातावरण और भोजन है जो की आम व्यक्ति के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव देते है. इनमें ये कारण प्रमुख हैं. 

माइग्रेन के महत्वपूर्ण कारण निम्नलिखित है: 

  1. हर समय किसी न किसी बात को सोच कर चिंता करना
  2. बेवजह बिना सलाह लिए सिर दर्द की दवाइयाँ खाना
  3. ज्यादा तनाव लेना, तनावग्रस्त रहना
  4. सुबह सही समय पर न उठना और रात को समय पर न सोना
  5. ज्यादा समय कम्प्युटर, लैपटाप, मोबाइल आदि के सामने रहना. या अधिक प्रयोग करना. 
  6. शरीर को जीतने पानी की जरूरत उतना पानी न पीना. शरीर में पानी की मात्रा कम होना.  
  7. महिलाओं में हार्मोनल बदलावों के कारण
  8. कम और अत्यधिक रोशनी में रहना ये भी बहुत ज्यादा हानिकारक हो जाता है. 
  9. हमेशा सर दर्द तेज आवाज में रहने के कारण भी हो सकता है माइग्रेन का दर्द.  
  10. कभी-कभी तेज खुशबू भी हो सकती है माइग्रेन की वजह. 
  11. अलग-अलग दवाइयाँ खाने से भी साइड इफेक्ट के कारण. 
  12. समय से ज्यादा सोना और बिना किसी निश्चित समय के सोने के कारण. 
  13. कभी-कभी जरूरत से कम सोने के कारण. 
  14. ठंडा और गरम वातावरण में अचानक परिवर्तन के कारण. 
  15. बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत के कारण.
  16. कैफीन वाले पदार्थों का ज्यादा सेवन करने से. 
  17. नाश्ता और खाना छोड़ देने से. 
  18. सिरदर्द की दवाएं बिना चिकित्सक की सलाह के लेने से. 
  19. एल्कोहल, तंबाकू, धूम्रपान, चॉकलेट आदि का ज्यादा सेवन करने से. 
  20. धूप में बिना धूप के चश्मे के जाना. या धूप अधिक लगना.  

माइग्रेन के मुख्य लक्षण – Migraine Symptoms in Hindi

माइग्रेन का दर्द एक विशेष तरह का हानिकारक सिरदर्द होता है. माइग्रेन के कुछ ऐसे लक्षण जिसे जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी है. 

  1. जब सर दर्द साधारण समय से ज्यादा होना और सिर के एक या दोनों हिस्से में बे-हिसाब दर्द होना. 
  2. एक आँख के हिस्से में एक समय से अधिक दर्द होना भी माइग्रेन के दर्द को दिखाता है. 
  3. शारीरिक क्षमता से ज्यादा शारीरिक श्रम करने से दर्द बढ जाता है. 
  4. सर दर्द में सर के एक हिस्से में टिप-टिप होना. 
  5. सिर दर्द दैनिक क्रियाओं में रोजाना अवरोध पैदा करने लगे तो हो सकता है की ये माइग्रेन का दर्द हो. 
  6. जी मिचलाना, जिससे उल्टी भी हो सकती है. 
  7. आवाज और प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता. 
  8. माइग्रेन आपका पाचन खराब कर सकता है. 
  9. कुछ लोगों में माइग्रेन के दौरान ब्लड प्रेशर लो हो जाता है. 
  10. इसका दर्द 4 से 72 घंटों तक रह सकता है. 
  11. कुछ लोगों को महीने में कई बार सिरदर्द हो सकता है, जबकि अन्य लोगों को इससे कम होता है. 
  12. यदि चश्मा लगा हुआ है और बिना चश्मे को लगाए सिर में दर्द होना भी कई बार माइग्रेन का दर्द साबित होता है. 

अब बात आती है की माइग्रेन होते कितने प्रकार के है. माइग्रेन के दर्द की वजह से पूरा शरीर परेशान रहता है. सामान्य तौर पर माइग्रेन के दो प्रकार होते है. 

माइग्रेन के प्रकार – Types of Migraine in Hindi

  1. क्लासिकल माइग्रेन (Classical Migraine)

क्लासिकल माइग्रेन बहुत ही अजीब तरह का दर्द होता है.  इसमें बहुत से चेतावनी भरे लक्षण भी नजर आते है.  इस तरह के दर्द में आपको एक हिस्से में बहुत ही जोरदार सिर दर्द होता है. हो सकता है की आपको सिरदर्द से पहले धुंधला दिखने लगता हो. अगर आपको क्लासिकल माइग्रेन है तो इस अवस्था में आपकी रक्त वाहिनियां (नसें) सिकुड़ने लगेंगी. इस अवस्था में रक्त वाहिनियां बड़ी हो जाती हैं इसलिए क्लासिकल माइग्रेन के लिए दवाएं लेना ज़रूरी होता है लेकिन इस स्थिति में आपको अपने doctor (चिकित्सक) से सलाह परामर्श लेनी बहुत ही जरूरी हो जाता हैं. 

  1. नॉन क्लासिकल माइग्रेन (Non Classical Migraine)

नॉन क्लासिकल माइग्रेन में प्रतिदिन किसी भी समय बहुत तेज़ सिरदर्द होता है, लेकिन इसमें किसी और तरह के लक्षण नज़र नहीं दिखते. ऐसी स्थिति में सिरदर्द की शुरूआत के साथ ही दवा ले लेनी जरूरी होती है और इस स्थिति में भी आपको अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए.  

दोस्तों उम्मीद करती हूँ की आपको मेरा ये लेख पसंद आया होगा, और आपको इस लेख से बहुत सी जानकारियाँ भी मिली होगी तो आप देरी न कीजिये इसे share करने में आप इस लेख को अपने मित्रों आदि में share कर सकते है. 

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