Know about Dehydration, दोस्तों आइये जानते है dehydration होता क्या है? Dehydration क्या हैं? Dehydration के क्या लक्षण हैं? Dehydration को किस प्रकार ठीक कर सकते है? Dehydration के घरेलू उपचार क्या है? आदि के बारे में आप इस लेख में जानेंगे.
Dehydration कब और क्यों होता हैं? ये जानते हैं, जब हम तरल पदार्थ का सेवन कर लेते है,
डिहाइड्रेशन तब होता है जब हम जितना तरल पदार्थ लेते हैं, उससे अधिक तरल पदार्थ हमारे शरीर से बाहर निकाल जाता है.
एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में 2 तिहाई से भी अधिक होता पानी होता है, और यह जोड़ो और आंखो को चिकनाहट प्रदान करता हैं. साथ ही पाचन में सहता करता है. विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है.
हमारे शरीर में जब पानी की मात्रा समान्य से कम हो जाती है, तो शरीर में खनिजों जैसे-चीनी और नमक के संतुलन को गड़बड़ कर देता हैं. इसके कारण शरीर का कार्य प्रभावित होता है.
डिहाइड्रेशन के प्रकार
डिहाइड्रेशन दो प्रकार के होते हैं, ये निम्न हैं:
1. आइसोटोनिक डिहाइड्रेशन (isotonic dehydration)– जब पानी और नमक समान अनुपात में शरीर से बाहर निकलते है तो इस स्थिति को आइसोटोनिक डिहाइड्रेशन कहा जाता है. हमारी कोशिकाओं के आस-पास नमक और पानी तरल पदार्थ के रूप में मौजूद होते है. ये डिहाइड्रेशन आमतौर पर दस्त के कारण होता है.
2. हाइपरनेट्रेमिक डिहाइड्रेशन (Hypernatremic dehydration)– इसका अर्थ यह की रक्त में नमक की अधिक मात्रा से है और यह डिहाइड्रेशन आमतौर पर शिशुओं या बच्चों को प्रभावित करता है. यह तब होता है जब बच्चे के शरीर में से नमक की बजाय अधिक मात्रा में पानी निकल (जैसे- पतला दस्त, और उल्टियाँ होना) आता है.
डिहाइड्रेशन के कुछ शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं:-
- प्यास लगना और चक्कर आना.
- तीक्ष्ण गंध के साथ गहरे रंग का पेशाब होना.
- सामान्य से कम बार पेशाब आना.
- किसी बच्चे को डिहाइड्रेशन हो सकता है अगर सिर का तालु अंदर धंसा (fontanelle) हुआ हो.
- रोते समय आंसू न निकलना या कम निकलना.
- नैपकिन कम गीला होना.
- सुस्ती महसूस करना.
- थोड़ी मात्रा में तरल पदार्थ निकलने पर भी शरीर प्रभावित होता है.
डिहाइड्रेशन के क्या कारण है?
- डिहइड्रेशन आमतौर पर पर्याप्त तरल पदार्थ या पानी न पीने या शरीर से द्रव बाहर निकलने के कारण ही होता हैं.
- अधिक शारीरिक व्यायाम, जलवायु और आपका आहार भी डिहाइड्रेशन का कारण हो सकता है.
- लगातार उल्टी होना या दस्त होना, बुखार से पसीना आना आदि और गरम जगह पर एक्सरसाइज़ करना भी डिहाइड्रेशन का कारण हो सकता है.
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डिहाइड्रेशन का खतरा किसे होता है?
डिहाइड्रेशन किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, परंतु कुछ विशेष उम्र के लोगों को इसका अधिक जोखिम होता है. जैसे-
शिशु और बच्चे में होने का खतरा- शिशु और बच्चों का वजन कम होता है और कम मात्रा में तरल पदार्थ के बाहर निकलने से शरीर संवेदनशील हो जाता है.
लंबे समय से अस्वस्थ व्यक्ति को खतरा- शराब का सेवन करने वाला व्यक्ति और शुगर(Diabetes) से पीढ़ित व्यक्ति को इसका खतरा अधिक होता है.
बुजुर्ग लोगों को खतरा- बुजुर्गों को शरीर में हो रही पानी की कमी की जानकारी नहीं होती है, बुजुर्गों को अधिक मात्रा में तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है.
एथलीटस- जिन व्यक्तियों के शरीर से पसीने के जरिए अधिक मात्रा में तरल पदार्थ बाहर निकल आता है.
डिहाइड्रेशन के खतरे से बचाव करने के क्या करें:-
- अगर आप को डिहाइड्रेशन की समस्या हो गई है तो इसका उपाय यह है कि आप अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें, जैसे- पानी, दूध,फलों का रस,सेमी-स्किम्ड,सेमी-स्किम्ड इत्यादी नियमित अंतराल पर ले. परंतु कैफीन और सोडा युक्त पेय पदार्थों के सेवन से परहेज करें.
- जब भी शिशु और बच्चे में डिहाइड्रेशन की समस्या होने लगे तो उन्हें उस समय पानी नहीं पिलाना चाहिए इसका यह कारण है कि उनके शरीर में पहले से भी कम मात्रा में मौजूद खनिजो को पतला कर देता है जिसके कारण समस्या और भी अधिक गंभीर हो सकती है.
- जब यह समस्या होने लगे तो पानी की बजाय उन्हें फलों का पतला जूस या रिहाइड्रेशन घोल (फार्मेसी पर उपलब्ध) देना चाहिए.
- लगातार उल्टी और दस्त होने के कारण शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, तो उस समय पर कम मात्रा में बार-बार पानी या तरल पदार्थ पीने की कोशिश करें.
- अगर सही समय पर डिहाइड्रेशन का इलाज ना किया जाए तो यह गंभीर रूप ले लेता है, जिसके कारण बच्चों को दौरे पड़ना,मस्तिष्क से जुड़ी अनेक समस्याएँ इसके अतिरित्क मौत भी हो सकती है.
डिहाइड्रेशन के लक्षण
- प्यास लगना (डिहाइड्रेशन का मुख्य लक्षण है).
- सिरदर्द होना
- थकान होना
- चक्कर आना या कमजोरी महसूस होना
- मुंह सुखना
- होठों का शुष्क होना
- आँखों का शुष्क होना
- पेशाब का रंग गहरा होना
- कम मात्रा में पेशाब आना (दिन में 3 या 4 बार से भी कम आना).
इसके अतिरिक्त अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हों, तो तुरंत अपने डॉक्टर या चिकित्सक से संपर्क करें-
- 8 घंटे तक पेशाब न होना.
- उल्टी या माल में खून आना.
- हाइपोटेंशन(निम्न रक्तचाप).
- मुंह सुखना और आँखों में आँसू न आना.
- थकान, सुस्ती या उलझन महसूस होना.
- त्वचा ढीली पड़ जाना.
- त्वचा का शुष्क होना.
- दिल की धड़कन का बढ़ना.
- चक्कर आना या कमजोरी महसूस होना.
- चिड़चिड़ापन आना.
- आंखें धंस जाना.
- नब्ज कमजोर होना.
- हाथ पैर ठंडे पड़ जाना.
- दौरे पड़ना.
- भ्रम होना.
- अगर आपके बच्चे को 24 घंटे में 6 या उससे अधिक बार दस्त हो गए हो या 3 बार से भी अधिक बार उल्टी हो चुकी हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
डॉक्टर के पास कब जाएं
यदि पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करने के बावजूद भी डिहाइड्रेशन के लक्षण लगातार बने हों, या फिर आपको यह लगता है की आपके शिशु या बच्चे को डिहाइड्रेशन हो गया है, तो फ़ोरन अपने डॉक्टर या चिकित्सक के पास जाएँ. डिहाइड्रेशन होने पर खून और पेशाब की जांच के साथ ही शरीर में नमक (सोडियम और पौटेशियम) के संतुलन की भी जांच होती है.
आशा करती हूँ आपको डिहाइड्रेशन के बारे में यह जानकारी बहुत ही लाभकारी हुई होगी, लेकिन किसी भी product को या किसी भी दवाई का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या चिकित्सक से जरूर संपर्क करें.
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