पेट में गैस (acidity) होने पर क्या करें- 15 घरेलू उपाय, कारण, लक्षण
एसिडिटी ठीक करने के 15 असरदार घरेलू उपचार- 15 effective home remedies to cure acidity
- पेट में गैस (acidity) तुलसी के पत्ते/बेसिल का प्रयोग
acidity, तुलसी का पत्ता औषधियों के लिए प्रयोग की जाती है, ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटी में से एक है, तुलसी की पत्तियों में वात, सुखदायक और वायुनाशक को हरने वाले गुण पाये जाते है, इन गुणों से एसिडिटी और पेट की गैस की समस्या से राहत दिलाता है.
- पेट में गैस (acidity) पुदीने की पत्ती का प्रयोग
पुदीनहरा एसिडिटी को कम करने का अच्छा घरेलू उपाय है, पुदीनहरा एक दवा है जिसे पुदीने की पत्तियों को निचोड़कर बनाया जाता है ये एसिडिटी के लिए बहुत असरदार होती है इसे पीने से पेट में बनी एसिडिटी कम हो जाती है और एसिडिटी बनने नहीं देती है.
पुदीन हरा एसिडिटी से राहत पहुंचाता है, पुदीना प्राकृतिक देन है जो पेट के अंदरूहनी हिस्सो में ठंडक और शीतलता प्रदान करती है.
पुदीने का सेवन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है, पुदीने को पानी में उबालें और ठंडा होने को रख दें, ठंडा होने के बाद पानी छान लें और उस पानी का सेवन करें.
- पेट में गैस (acidity) गुड का प्रयोग
गुड पाचन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है, आपने पुराने समय बड़े बुजुर्गो को देखना ही होगा वो खाने के बाद मीठे में गुड खाते थे, इसका कारण यह है की गुड पेट की एसिडटी को कम करता है. गुड से पेट में क्षारीय बनाता है जो एसिडिटी को नही बनाने देता है. खाने के बाद गुड खाने की आदत जरूर बनाये.
- पेट में गैस (acidity) पानी का प्रयोग
एसिडिटी होने पर बहुत परेशानी होने लगती है जैसे पेट में गुड़गुड़ होने लगती है, इसके लिए पानी बहुत लाभकारी है. नियमित रूप से सुबह दो गिलास पानी पीना एसिडिटी के लिए बहुत अच्छा इलाज़ है, पानी पेट में एसिड के स्तर को बनाए रखने में सहायता करती है. एसिडिटी होने पर पानी पिये.
- पेट में गैस (acidity) अदरक का प्रयोग
एसिडिटी होने पर अदरक का प्रयोग करने से एसिडिटी जड़ से खत्म हो जाती है, अदरक एसिडिटी के लिए कारगर उपाय है. अदरक पाचन क्रिया को संतुलित रखने का काम कर पाचन तंत्र को ठीक रखता है. अदरक पेट में एसिडिटी के स्तर को करता है और पेट को आराम पहुंचता है.
एसिडिटी पर कुछ मिनटों में आराम पाने के लिए अदरक का रस बना लें और अदरक के रस में नींबू का रस मिलाकर इस मिश्रण का सेवन करें।
- पेट में गैस (acidity) मट्ठा/छाछ का प्रयोग
एसिडिटी को ठीक करने के लिए मट्ठा यानि छाछ का प्रयोग, एक असरदार नुस्खा है इसके लिए सिर्फ एक गिलास मट्ठा ही बहुत होता है. मट्ठा पेट को राहत, ठंडक और शीतलता प्रदान करता है.
यही नहीं मट्ठा एंटीटोड की तरह असर करता है, छाछ में लैक्टिक एसिड पाया जाता है जो पेट में हुई एसिडिटी को कम करने का काम करके राहत पहुंचाहता है. खाने के बाद एक गिलास मट्ठा पिये, बेहतर परिणाम पाने के लिए छाछ में थोड़ा काली मिर्च पाउडर डालकर पिये, यह मसालेदार भोजन को पचाने का काम करता है.
- पेट में गैस (acidity) सौंफ का प्रयोग
सौंफ पेट में हुई किसी भी प्रकार की ऐठन को कम करता है, हम रात के समय खाना खाने के बाद सौंफ खाते है लेकिन हमें ये नहीं पता होता की हम खाना खाने के बाद सौंफ क्यूँ खाते है, दरअसल सौंफ पेट में एसिडिटी को बनने से रोकता है. सौंफ में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स पाया जाता है, जो पाचन क्रिया में मदद करता है.
तुरंत असर पाने के सौंफ को पानी में कुछ देर के लिए भिगो के रख दें और सौंफ के पानी को छान लें और पिये हर दिन ऐसा करें इससे एसिडिटी की परेशानी नहीं होती है, इससे एसिडिटी पर तुरंत असर होता है.
- पेट में गैस (acidity) जीरा का प्रयोग
जीरा शक्तिशाली एसिड के प्रभाव को रोकने और और बने एसिड को कम करने के लिए बहुत उपयोगी है.
जीरा पाचन में सुधार करता है और पेट में दर्द को भी ठीक करता है. एसिडिटी को ठीक करने के लिए जीरा का तीन तरह से प्रयोग किया जा सकता है वो इस प्रकार है:-
1. एक गिलास गर्म पानी लें और जीरा गर्म पानी के साथ खा लें इससे एसिडिटी में बहुत सकारात्मक प्रभाव डालता है.
2. जीरा लें और भून कर पिस लें, पीसने के बाद इसे एक गिलास पानी में मिलाये और पी लें. और
3. इसके अलावा आप जीरा लें और पानी में उबाल लें, उबलने के बाद पानी को छानकर खाना खाने के बाद जीरा का यह पानी पिये, इससे आपको एसिडिटी में बहुत लाभ पहुंचेगा.
9. पेट में गैस (acidity) केला का प्रयोग
केला क्षारीय होता है जो पेट में किसी भी तरह की बीमारी को सही करने का काम करता है, केला पेट में हुई बीमारियों को ठीक करने में बहुत महत्व रखता है. केला पेट में एसिड के प्रभाव को कम करता है, एसिडिटी होने पर प्रातिदिन एक केला जरूर खाए
10. पेट में गैस (acidity) पपीता का प्रयोग
पपीते में फाइबर पाया जाता है जो पेट में बनी एसिडिटी को बाहर निकालने में मदद करता है. पपीते को अपने खाने में शामिल करें पपीता पाचन तंत्र को बेहतर बनाने का काम करती है.
11. पेट में गैस (acidity) लहसुन
लहसुन अपच और एसिड के लिए अच्छा इलाज़ है, लहसुन एसिड के लिए विष हरक औषधि है. खाने के साथ कच्चे लहसुन का सेवन करें या फिर लहसुन को अपने खाने में जरूर पका के या कच्चा खाने से लहसुन पेट में एसिडिटी नहीं बनाने देता है और पाचन को ठीक कर मल को निकाल पेट ठीक रखता है. लहसुन एसिडिटी के लिए बहुत लाभकारी होता है.
12. पेट में गैस (acidity) कच्चे बादाम का प्रयोग
कच्चे बादाम में फाइबर और प्राकर्तिक तेल सही मात्रा में होता है, बादाम खाना खाने के बाद खाने को पचाने में मदद करता है, बादाम को पानी में भीगा कर खाएं या फिर कच्चे खाये.
13. पेट में गैस (acidity) सब्जी का रायता का प्रयोग
सब्जियों का रायता एसिडिटी में बहुत फायदेमंद होता है, एसिडिटी में खीरा, धनिया पत्ती, या टमाटर का रायता बनाये और एसिडिटी को करें खत्म. आप इसके स्वाद को और बढ़ाने के लिए भूनकर पिसा हुआ जीरा डालकर खा सकते है.
14. पेट में गैस (acidity) आँवला का प्रयोग
आँवले में अनेक गुण पाये जाते है, यह आयुर्वेदिक दवाइयों में प्रयोग किया जाता है, आँवला प्राकर्तिक देन है आँवला भूख बढ़ाने के साथ-साथ प्राकर्तिक रूप में एसिडिटी को सही करने के प्रयोग में लाया जाता है. यही नहीं क्षतिग्रस्त पेट और एसोफैगस (ग्रासनली) को भी ठीक करता है। एसिडिटी को सही करने के लिए एक चम्मच आँवला पाउडर खाने से एसिडिटी सही हो जाती है.
15. पेट में गैस (acidity) ठंडा दूध का प्रयोग
दूध में कैल्शियम पाया जाता है, एसिड होने पर ठंडा दूध पीने से पेट को तुरंत राहत मिलती है. ठंडा दूध गर्म दूध के मुक़ाबले जल्दी असर दिखाता है. ठंडा दूध पेट में एसिड बनने से रोकता है तथा अतिरिक्त एसिड को अवशोषित करता है.
एसिडिटी होने के कारण
- तले खाद्य प्रदार्थ का सेवन करना, अधिक तले हुए प्रदार्थ का सेवन करने से एसिडिटी बनने लगती है क्यूंकी तले हुए प्रदार्थ जल्दी नहीं पचते है.
- नमक का अत्यधिक सेवन करने से एसिडिटी बननी शुरू हो जाती है.
- फाइबर युक्त आहार का सेवन कम करना
- व्यायाम में कमी
- गर्भावस्था में अधिक खाने से एसिडिटी की परेशानी होने लगती है.
- पेय प्रदार्थ जैसे शराब या कैफीन आदि भी एसिडिटी का कारण होती है.
- जरूरत से ज्यादा भोजन करना, एसिडिटी बना देती है
- किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा ध्रूमपान करने से उसके संपर्क में आना
- ध्रूमपान करने से
- मोटापा होने पर आदि
एसिडिटी होने के क्या लक्षण होते है
- एसिडिटी के दौरान पेट फूलने लगता है
- छाती/पेट में दर्द होना
- घबराहट होना
- काला मल और मल में खून आना
- गले में लंबे समय से दर्द होना
- सांस में बदबू आना
- लगातार हिचकी आना
- सुखी खांसी आना
- वजन कम हो जाना
- कुछ भी निगलने में तकलीफ और दर्द होना
- अधिक डकार आना और मुंह का स्वाद कढ़वा हो जाना
- उल्टियाँ आना
- सीने में जलन होना आदि
एसिडिटी के दौरान क्या खाएं
- एसिडिटी में सब्जियों में लौकी, खीरा, कद्दू, बीन्स, शतावरी, और फूलगोभी खाएं.
- फलों में सेब, केला, पपीता, तरबूज, अंजीर, नाशपाती जैसे फलों का सेवन करें.
- अनाज में ओट मिल, ब्राउन ब्रैड खाएं.
- एसिडिटी होने पर अंडे का सफ़ेद हिस्सा खाएं और मटन खाएं.
- मसालों में अजवाइन, जीरा, मैथी, सौंफ, धनिया आदि का सेवन करें.
- मुलेठी की दाल खाएं. आदि
एसिडिटी में क्या नहीं खाएं/एसिडिटी होने पर क्या परहेज़ करना चाहिए
- एसिडिटी में मीठा खाने से बचे, जिनमें से चीनी और शहद है इनका सेवन एसिडिटी के दौरान बिलकुल न करें
- गैस से भरे हुए पेय प्रदार्थ को न पिये
- साबुत दालें और अनाज
- नींबू और संतरा
- चाय और कॉफी न पिये
- हरी मिर्च, लाल मिर्च, दालचीनी और सिरका इन मसालों का सेवन करने से एसिडिटी होती है
- मूंगफली और अखरोट ये सूखे मेवे है जिका सेवन एसिडिटी के दौरान बिलकुल नहीं खाने चाहिए आदि
आप भी परेशान है रोज बनी एसिडिटी से तो आप इन नुस्खो को जरूर अपनाएं इन नुस्खो से एसिडिटी से बहुत जल्दी राहत मिल जाएगी.
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