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10 lines on Mahavir Jayanti in Hindi

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Know about Mahavir Jayanti in Hindi, आज के समय में लगभग सभी अपने अपने काम में व्यस्त है किसी के पास इतना भी समय नहीं हैं की वो अपने कुछ पल उन दिनों को याद करे जब हम बचपन में छुट्टियों के दिनो को याद  रखते थे.महावीर जयंती भी एक ऐसे दिवस में आता है जब हमें छुट्टी मिलती है.  महावीर जयंती 10अप्रैल 2025 को है।

आज हम महावीर जयंती के शुब अवसर पर कुछ ऐसी पंक्तियाँ लिखने जा रहे है जिनहे आप पढ़ने के बाद बेहद ही खुशी महसूस करेंगे और हो सके तो आप भी महावीर जयंती के दिन की महवता को समझ सकेंगे. महावीर जयंती एक जैन धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है.

जैन समुदाय एक ऐसा समुदाय है जो की बहुत ही विख्यात है और इस धर्म में सभी लोग महावीर जी को बहुत ही महत्वपूर्ण मानते है.

आप सभी के प्रमुख सवालों में जैसे की महावीर जयंती कब मनाई जाती है?, महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है? महावीर जयंती को जैन संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण दिवस क्यों माना जाता है? महावीर जयंती पर निबंध, महावीर जयंती पर short note, महावीर जयंती पर speech, etc. इन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख में मिल जाएंगे. 

महावीर [पर 10 लाइंस जिनहे पढ़ने के बाद आप सभी को महावीर जयंती की महवता का पता चलेगा. 

10 Lines on Mahavir Jayanti in Hindi 2025

10 Lines on Mahavir Jayanti in Hindi
  1. महावीर जयंती जैन धर्म द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है. 
  2. वर्धमान महावीर की जन्मतिथि के अवसर पर महावीर जयंती का आयोजन किया जाता है. 
  3. वर्धमान महावीर के पिता का नाम राजा सिद्धार्थ था. 
  4. वर्धमान महावीर की माता का नाम रानी त्रिशला था. 
  5. वर्धमान महावीर का जन्म बिहार में स्थित वैशाली जिले के कुंडग्राम में शुक्लपक्ष को हुआ था.  
  6. महावीर जयंती का दूसरा नाम “महावीर जन्म कल्याण” है. 
  7. वर्धमान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थकर थे. 
  8. वर्धमान महावीर ने ही जैन धर्म की स्थापना की. 
  9. महावीर जयंती को जैन संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण घटना माना जाता है.
  10. महावीर ने ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक अशोक वृक्ष के नीचे लगभग बारह वर्ष तक तपस्या की थी.

Top 10 Lines on Mahavir Jayanti in Hindi 2025 महावीर जयंती पर 10 लाइन

  1. वर्धमान महावीर ने जैन धर्म की स्थापना की थी. 
  2. महावीर के पिता राजा सिद्धार्थ थे. 
  3. महावीर जयंती इसलिए मनाई जाती है क्योंकि इस दिन वर्धमान महावीर का जन्म हुआ था. 
  4. महावीर को कल्याण के नाम से भी जाना जाता है. 
  5. हिन्दू धार्मिक कैलेंडर के अनुसार चैत्र महीने की दिनाक 13 को महावीर जयंती मनाई जाती है. 
  6. सामान्य युग से पहले 599 में चैत्र महीने के 13वें दिन शुक्लपक्ष को बिहार में स्थित वैशाली जिले के कुंदग्राम में महावीर का जन्म हुआ था. 
  7. जैन समुदाय सात्विक भोजन करते थे, लहसुन और प्याज़ का उपयोग भी नही करते थे. 
  8. वर्धमान महावीर जैन का जब जन्म हुआ था तो जैन धर्म  का समुदाय बेहद सुखद और शांत था. 
  9. महावीर जयंती के दिन अधिकतर सभी स्कूलों, संगठनो और विश्वविध्यालयों में अवकाश दिये जाते है. 
  10. महावीर जयंती के इस दिन, उपासक भगवान वर्धमान महावीर की मूर्ति के साथ रथों में सवार होकर भक्ति गीतों के साथ-साथ तुकबंदी भी करते हैं. 

Top 10 Lines On Mahavir Jayanti In Hindi महावीर जयंती पर 10 लाइन

  1. वर्धमान महावीर जैन धर्म के संस्थापक थे जिनका जन्म 599 युग से पहले 4 बजे हुआ था. 
  2. महावीर जयंती की पूजा करने से पहले जैन समुदाय के लोग महावीर स्वामी की प्रतिमा के स्नान की परंपरा करते है. 
  3. वर्धमान महावीर के पिता राजा सिद्धार्थ थे और उनकी माता का नाम रानी त्रिशला था. 
  4. वर्धमान महावीर के दो भाई हैं नंदीवर्धन और सुदर्शन
  5. वर्धमान महावीर ने उनके जन्म के तीस साल बाद उपभोक्तावाद का जीवन त्याग दिया था और फिर उन्होंने ध्यान पर ध्यान केंद्रित किया. 
  6. बुद्ध मंदिर में गौतम बुद्ध की मूर्ति हमेशा ध्यान के लिए कमल की स्थिति में बैठी है. 
  7. कैलेंडर के अनुसार, महावीर जयंती मार्च और अप्रैल के पूरे महीनों में आयोजित किया जाता है. 
  8. मुख्य रूप से महावीर जयंती के दिन, जैन अनुयायी निराश्रितों को वस्त्र, भोजन, धन, साथ ही अन्य आवश्यकताओं के समान भी योगदान करते हैं. 
  9. महावीर जयंती के दिन पर, जैन धर्म के समुदाय पारंपरिक रूप से खाद्य पदार्थों को पकाकर जरूरतमंदों को देने के लिए भी इस आयोजन को मनाते है. 
  10. वर्धमान महावीर जैन की यह सोच थी कि केवल ध्यान द्वारा ही अपनी जीवन शैली को व्यतीत करने से ही व्यक्ति अपना जीवन बदल सकता है. 

 5 Lines on Mahavir Jayanti in Hindi 2025

  1. महावीर का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में 13 तारीख को लगभग 540 ईसा पूर्व बिहार के वैशाली जिले के कुंडलग्राम में हुआ था. 
  2. महावीर के पिता का नाम “सिद्धार्थ” और उनकी माता का नाम त्रिशला था. महावीर के जन्म के बाद, राज्य की समृद्धि में वृद्धि हुई थी, इसलिए उन्हें ‘वर्धमान’ नाम मिला, जिसका अर्थ है “बढ़ने वाला”. 
  3. महावीर जयंती जैन धर्म में मनाया जाने वाला पर्व है जो जैन धर्म के 24 वें और अंतिम तीर्थंकर महावीर की जयंती का प्रतीक है.
  4. महावीर ने जैन धर्म की स्थापना की थी और जैन धर्म के पांच मूल सिद्धांत ‘सत्य’, ‘अहिंसा’, ‘आचार्य’, ‘ब्रह्मचर्य’ और ‘अपरिग्रह’ दिये हैं.
  5. वर्धमान महावीर विवाहित थे, लेकिन वास्तविक और अधिक से अधिक सत्य की तलाश और ‘निर्वाण’ प्राप्त करने के लिए महावीर ने अपना घर और राज्य छोड़ दिया. 

Some Lines on Mahavir Jayanti 2025 in Hindi 

  • वर्धमान महावीर जयंती का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में 13 तारीख को लगभग 540 ईसा पूर्व बिहार के वैशाली जिले के कुंडलग्राम में हुआ था. 
  • वर्धमान महावीर के पिता का नाम “सिद्धार्थ” और माता “रानी त्रिशला” है. 
  • महावीर के दो भाई थे-  नंदीवर्धन और सुदर्शन.
  • महावीर बहुत ही दयालु व्यक्ति थे और उन्होने अंतिम मोक्ष प्राप्त करने से पहले अपने जीवन में बहुत सी कठिनाइयों का सामना भी किया. 
  • महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर, महावीर के सभी मंदिरों को सजाया जाता है और भक्तजन उनका आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में आते है. 
  • यह पर्व गुजरात के गिरनार और पालिताना, राजस्थान के श्री महावीरजी मंदिर और बिहार के पावापुरी मंदिर आदि में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. 
  • महावीर जयंती के इस पर्व पर, महावीर की मूर्ति को पहले स्नान कराया जाता है और फिर उनकी प्रतिमा की पूजा की जाती है. 
  • उत्सव के बाद एक बड़ा और भव्य जुलूस निकाला जाता है. 
  • महावीर जयंती के अवसर पर जैन समुदाय के लोग गरीबों और जरूरतमंदों के बीच भोजन, कपड़े और अन्य उपयोगी चीजें आवश्यकतानुसार दान करते हैं. 

Short and Long Essays on Mahavir Jayanti in Hindi, Mahavir Jayanti par Nibandh Hindi mein in 250 Words 

महावीर जयंती पर लघु और दीर्घ निबंध हिन्दी में (250 शब्दो में)

और अधिक जानने के लिए 10 लाइंस पढ़े

परिचय

महावीर जयंती मार्च-अप्रैल के महीने जैन धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाता है. यह महावीर जी को स्मरण करने के लिए मनाया जाता है जो जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे. 

वर्धमान महावीर की कथा 

वर्धमान महावीर के पिता इक्ष्वाकु वंश के राजा सिद्धार्थ और माता रानी त्रिशला से इनका जन्म हुआ था. उस समय गर्भावस्था की अवधि के दौरान महावीर की मां को कई शुभ सपने आते थे. और जैन धर्म के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान जिस भी नारी को ऐसे सपने आते है वह इस बात का संकेत देते है की वह एक महान आत्मा के आगमन का संकेत होता है. राजा सिद्धार्थ ने रानी के देखे गए कुल सोलह सपनों की व्याख्या की थी. 

इसके साथ यह भी माना जाता है कि महावीर के जन्म के दिन, देवराज इंद्र ने अभिषेक किया, जो सुमेरु पर्वत का अनुष्ठानिक अभिषेक है. 

आध्यात्मिक घटना

जैन धर्म और धार्मिक तपस्वी के लिए महावीर जयंती एक अध्यात्मिक अवसर होता है.  वे अपना ध्यान और महावीर के श्लोकों का पाठ करने में ही बिताते हैं आमतौर पर  इनका पूजा और ध्यान का स्थान एक मंदिर होता है. 

महावीर के भक्त देश भर में स्थित महत्वपूर्ण सामान्य और जैन मंदिरों की यात्रा भी किया करते हैं. इस दिन जैन गुरुओं को मंदिरों और यहां तक कि घरों में महावीर की शिक्षा और हिंसा तथा मानवता के सिद्धांतों के बारे में प्रचार करने के लिए आमंत्रित भी किया जाता है.  महावीर जयंती का पालन करने के लिए एक उपवास का अभ्यास भी महत्वपूर्ण तरीकों में से एक होता है. महावीर भक्तों के उपदेश अनुसार भक्त मानवता, अहिंसा और सद्भाव को अधिक महत्त्व देते हैं. 

निष्कर्ष

महावीर जयंती भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जैन अनुयायियों का एक प्रमुख त्योहार होता है. अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धांत है. यह सिद्धांत महावीर के स्वयं के  जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत भी है. 

आशा करती हूँ की आपको यह जानकारी बहुत पसंद आई होगी और आपके लिए यह लेख बहुत मददगार साबित हुआ होगा। आप इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवारजनो के साथ साझा कर सकते है। इस जानकारी को आप किसी भी सोश्ल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है।

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