THE GHARELU UPCHAR 10 Lines,Health,Patient Needs,Trends What is PCOD? पीसीओडी होने के कारण और लक्षण हिन्दी में

What is PCOD? पीसीओडी होने के कारण और लक्षण हिन्दी में

PCOD

PCOD क्या है? पीसीओडी होने के क्या कारण है? पीसीओडी होने के क्या लक्षण है? PCOD जैसी समस्या से कैसे बचा जा सकता है? पीसीओडी कितने दिन में ठीक होता है? pcod problem treatment in Hindi, pcod problem symptoms in hindi, पीसीओडी का घरेलू उपचार, पीसीओडी में प्रेगनेंसी, पीसीओडी कैसे होता है, pcod full form in medical in Hindi, पीसीओडी क्यों होता है? पीसीओडी के घरेलू उपाय क्या है? PCOD होने का कैसे पता चलता है? PCOD होने का प्रमुख कारण क्या है? इत्यादि सभी प्रश्नों के हल आपको हमारे इस लेख में मिलेंगे।

लेख को पूरा पढ़िएगा यह लेख आके लिये बहुत ही लाभकारी साबित होगा और जो महिलाएं PCOD या PCOS जैसी समस्या से जूझ रही है उन महिलाओं के लिये यह लेख बहुत ही फायदेमंद है इस लेख को आखिरी तक जरूर पढ़ें |

दोस्तों, PCOD एक ऐसी समस्या है जो केवल महिलाओं को होती है। पीसीओडी की समस्या आज के समय में बहुत आम समस्या बन चुकी है | PCOD का प्रमुख कारण हार्मोन्स का असंतुलित होना है |

वैसे तो हार्मोन्स के असंतुलित होने के अनेकों कारण हो सकते है जैसे की, मोटापा आना, अत्यधिक तैलिये और मसालेदार चीजों का सेवन करना, शराब सिगरट का सेवन करना स्वास्थ्य संबन्धित समस्याओं से ग्रसित होना आदि |

पीसीओडी होने पर महिलाओं को अनेक स्वास्थ्य संबन्धित परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जैसे की पीरियड्स का अनियमित होना, पीरियड्स समय पर न होना, चेहरे पर बाल और मुहाँसे आना, महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कत आना यानि निःसन्तानता की शिकायत होना, श्रोणि में दर्द होना इत्यादि |

पीसीओडी का क्या मतलब होता है (PCOD Meaning in Hindi)

पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज को आम बोलचाल की भाषा में पीसीओडी (Polycystic Ovary Disease)  कहा जाता है |  यह महिलाओं को प्रभावित करने वाली एक आम समस्या बन चुकी है जो मुख्य रूप से हार्मोन में असंतुलन के कारण होती है |  यह समस्या केवल महिलाओं को ही प्रभावित करती है,  यही नहीं इससे पीड़ित महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन यानी एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है और अंडाशय पर सिस्ट बनने लगते हैं |

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Symptoms of PCOD in Hindi

दूसरी परेशानियों की तरह ही PCOD के भी कुछ लक्षण होते है जो पीड़ित महिला खुद से ही अनुभव कर सकती है। लक्षणों की मदद से ही महिला भविष्य में आने वाली दिक्कतों से समय रहते बच सकती है। और नीचे दिये गए लक्षणों से पता लगाया जा सकता है की महिला को PCOD है | आइये जानते है इन पीसीओडी के लक्षणों को जो इस प्रकार है-

  1. पीरियड्स का अनियमित होना
  2. बाल का पतला होना और झड़ना
  3. शरीर पर ज्यादा बाल आना
  4. त्वचा का तैलीय होना
  5. श्रोणि में दर्द होना
  6. ब्लड प्रेशर बढ़ना
  7. नींद न आना
  8. सिर में दर्द रहना
  9. गर्भधारण करने में दिक्कते आना। आदि  

अगर आपको यह सभी लक्षण खुद में दिखाई देते है तो आप डॉक्टर की सलाह लें और अगर आप गर्भधारण करना चाहती है तो आपको प्रजनन विशेषज्ञ से परामर्श करें।

PCOD होने के कारण

PCOD (Polycystic Ovary Syndrome) होने के कई कारण होते है जैसे की

  1. खान-पान में लापरवाही करना
  2. जीवनशैली अस्वस्थ होना
  3. व्यायाम
  4. योग और मेडी टेशन नहीं करना
  5. वजन बढ़ना/ मोटापा होना
  6. पीरियड्स असांतुलित होना
  7. महिला के शरीर में इंसुलिन का स्तर अधिक होना
  8. कुछ मामलों में आनुवांशिक कारण होना
  9. खाने में पोषक तत्वों से भरपूर चीजें शामिल नहीं होना
  10. सिगरेट, शराब या नशीले पदार्थों का सेवन करना
  11. देर रात तक जागे रहना और देर तक सोना
  12. तनाव में रहना
  13. हार्मोन संबन्धित किसी समस्या से पीड़ित रहना आदि |

ऊपर दिये गए सभी कारणों को ध्यान में रखकर, कुछ सावधानियाँ बरती जाएँ तो पीसीओडी का खतरा कम किया जा सकता है।

पीसीओडी की जटिलताएं (Complications of PCOD in Hindi)

समय पर पीसीओडी को नियंत्रित न करने पर यह दूसरी अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है जो पीसीओडी की जटिलताओं में शामिल है जैसे –

·       बांझपन की शिकायत होना

·       गर्भपात होना

·       समय से पहले जन्म होना

·       उपापचय की समस्या होना

·       गर्भाशय से असमान्य रक्तस्त्राव होना

·       चिंता से ग्रस्त होना या अवसाद से ग्रस्त होना

·       ब्रेस्ट कैंसर होना

·       टाइप 2 डायबिटीज़ या प्रीडायबिटीज़ होना

·       गर्भाशय के अस्तर का कैंसर होना

·       गर्भकालीन मधुमेह और प्री-एक्लेमप्सिया होना

·       एंडोमेट्रियल कैंसर होना

·       मेटाबोलिक सिंड्रोम का खतरा होना

पीसीओडी का उपचार (PCOD Problem Treatment in Hindi)

PCOD क्या है ?

PCOD के उपचार के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं:

1. पीसीओडी के उपचार के लिए दवाओं का उपयोग करें,  वैसे तो डॉक्टर असफलता के उपचार के लिए टेस्टोस्टेरोन  या अन्य हार्मोन दवाओं का उपयोग कर सकते हैं | 

2. नियमित मासिक धर्म को संतुलित करने के लिए ओवर लेट और अन्य मासिक धर्म नियंत्रक दवाओं का उपयोग करते हैं |

3.  अंडाशय में हुए सिस्ट को ठीक करने के लिए स्वस्थ आहार लें, और और मुख्य रूप से शुगर, वसा अन्य बुरे फैट और अनुपयोगी खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने से  पीसीओडी का उपचार हो सकता है | 

4. पीसीओडी का उपचार स्वस्थ आहार लेने से हो सकता है  स्वस्थ आहार में फल, सब्जी, अनाज, मखाना, ताजा दूध, अदरक, लहसुन आदि जैसे आहार होते हैं जिनका सेवन करना चाहिए | 

5.  पीसीओडी में वजन बढ़ना आम बात है  जिसमें वजन कम करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है |  वजन कम करने से आपके शरीर में रोगों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत हो जाता है | अतिरिक्त वजन आपके शरीर के लिए अनुपयुक्त होता है और यह समस्याएं जैसे डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के लिए एक कारण बन सकता है|

6.  पीसीओडी  से जल्द ही छुटकारा पाना है तो योग और व्यायाम करें |  नियमित योग और व्यायाम करने से आपके शरीर में रक्त संचार बढ़ता है जो अंडा से सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखता है |  योग और व्यायाम करने से आपके शरीर का वजन भी कम होता है |

7. अपने दैनिक जीवन में तनाव से बचें |  अत्यधिक तनाव आपके  शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं |  तनाव दूर करने के लिए आप मेडिटेशन प्राणायाम या फिर योग आदि जैसी तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं |

8. इन सब के बावजूद नियमित रूप से अपने डॉक्टर से जांच करवाएं | पीसीओडी होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें ताकि आपकी समस्या का मूल विकार खोजा जा सके और आप उचित उपचार ले |

पीसीओडी में आहार या पीसीओडी में क्या खाएं (Diet in PCOD) in Hindi

पीसीओडी में निम्नलिखित आहार खाए जा सकते हैं जो इस प्रकार है

1. विटामिन डी से भरपूर आहार ले क्योंकि यह पीसीओडी में संभवत कमी होता है |

2.  स्वस्थ वस्तुओं का सेवन करें जैसे-  अखरोट, फल, सब्जियां, और मक्खन |

3. PCOD में विशेष रूप से उबले हुए अंडे, सोयाबीन, चना, मूंग दाल और दूध यह सभी प्रोटीन के अच्छे स्त्रोत होते है | जिनका सेवन महिलाओं को पीसीओडी के दौरान करना चाहिए |

4.  अंग्रेजी दवाओं का सेवन कम ही करें इसके जगह पर आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करें | आयुर्वेदिक दवाओं दवाओं में जैसे की शतावरी, अश्वगंधा और गुग्गुल का सेवन करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और PCOD से निपटने में मदद मिलती है | 

5. जंक फूड से दूर ही रहे, जंक फूड में बहुत अधिक मात्रा में तेल होता है जो स्वास्थ्य समस्या को और अहिक बढ़ा देता है | 

यही नहीं आपको यह जान लेना चाहिए कि पीसीओडी में आर केवल 1 अंश होता है और यह केवल उपचार का एक  बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है |  अगर आपको  पूर्ण रूप से पीसीओडी का उपचार करना है तो अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव  बहुत जरूरी होता है| 

आशा करती हूं आज का मेरा यह लेख (PCOD के बारे में) आपको बहुत ही पसंद आया होगा | किसी भी तरह की उपचार से पहले डॉक्टर या चिकित्सक से सलाह जरूर लें | इस लेख को आप अपने दो सभी दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं साथ ही आप इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते हैं |

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